Welcome To R.Y. Manihari College Manihari, katihar

भौगोलिक स्थिति (Geographical Position) : मनिहारी शहर ऐतिहासिक, राजनीतिक एवं सामरिक गतिविधियों का गवाह रहा हैं। स्वतंत्रता आन्दोलन से लेकर लोग कई सामाजिक तथा राजनीतिक संघर्षो का प्रेरणा स्रोत, मनिहारी को माना जाता हैं। यह शहर दो दिशाओं पश्चिम तथा दक्षिण की ओर से गंगा नदी एवं पूरब की ओर से महानंदा नदी से घिरा हुआ हैं। पश्चिम में बरारी प्रखंड, दक्षिण में झारखण्ड के साहेबगंज जिला की सीमा एवं पूरब में पं. बंगाल के मालदा जिला की सीमा के बीच मनिहारी अवस्थित है। इस का बड़ा भूभाग ग्रामीण है।
महाविद्यालय का संक्षिप्त इतिहास : मनिहारी क्षेत्र के शिक्षा प्रेमी, बुद्धिजीवी एवं संघर्षशील तत्कालीन सांसद श्री युवराज सिंह की परिकल्पना एवं उनके सहयोगियों के प्रयासों विशेषरूप से तत्कालीन विधायक श्री रामसिपाही यादव की मेहनतों का प्रतिफल है यह कॉलेज। इस क्षेत्र के आमजनों, गरीब, पिछड़े एवं अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चे बच्चियों को उच्च शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से 15 जुलाई 1978 को जन सहयोग से मनिहारी कॉलेज की स्थापना हुई। इस कॉलेज को D. S. College Katihar के बाद इस जिला का पहला तथा मनिहारी अनुमंडल का एक मात्र इंटर सहित डिग्री कॉलेज होने का गौरव प्राप्त हुआ। प्रारम्भ में इस कॉलेज का

वर्ग संचालन बी. पी. एस. पी. (B.P.S.P. High School ) उ. वि. मनिहारी में हुआ। 1980 में, मनिहारी स्थित बी. एन. रेलवे कॉलोनी के बंद पड़े रेलवे के प्राथमिक विधालय के भवनों में स्थानांतरित हुआ। आज भी एन0 एफ0 रेलवे की 12 एकड़ भूमि तथा उस पर अवस्थित भवनों में कॉलेज अवस्थित है। भूदाता श्री रामेश्वेर यादव के द्वारा दान स्वरूप प्रदान की गई पाँच (5) एकड़ जमीन भी कॉलेज नगर पंचायत मनिहारी अन्तर्गत को प्राप्त है। इस पर भव्य गेट, अपना भवन तथा माननीय जन प्रतिनिधियों के कोष से निर्मित भवन एवं चहार दिवारी निर्मित है। कॉलेज की स्थापना से उच्च शिक्षा के प्रति जागरूकता आई बल्कि गरीबो, निर्धनों, वंचितों एवं उपेक्षित वर्ग के बच्चें भी इंटर तथा डिग्री स्तर की शिक्षा प्राप्त करने लगे। विशेषरूप से बड़ी संख्या में लड़कियों में स्नातक (Graduate) बनने की जागृति आई। आज भी इस महाविद्यालय में 60% से अधिक छात्राएं ही नामांकित हैं।